“साथी हाथ बढ़ाना….”
“लोक-भागीदारी से ड़ीसा नये
रंग-रूप में सजने के लिये तैयार”
ड़ीसा को नये रंग रूप में सजाने के लिये ड़ीसा के नागरिक तैयार हे ……..नगरपालिका का एक भी रुपया ख़र्च किये बिना लोक-भागीदारी से हो रहा हे रंगा-रोगन…..
में ड़ीसा के सम्मानित नगरजनो और सामाजिक संस्था को लोक-भागीदारी करने के लिये आमंत्रित करता हु …..
“हमारा ड़ीसा बदल रहा हे
आगे बढ़ रहा हे ”